मैं क्या चाहती हूँ
By Salaam India on October 25, 2014, in Poemमैं विनाश चाहती हूँ
सर्वव्यापी विस्फोरण
मैं युद्ध चाहती हूँ
एक और महायुद्ध!
मैं चन्द्रयान नहीं
मिसार्इल चाहती हूँ
महाकाश का रहस्य नहीं
धधकता आकाश चाहती हूँ
शक्ति का अहंकार नहीं
मैं परमाणु युद्ध चाहती हूँ
विकास दर का डाटा नहीं
हर दिशा में पतन चाहती हूँ
हार्ट ट्रांसप्लांट का आडम्बर नहीं
चारो ओर महामारी चाहती हूँ
मैं प्रलय चाहती हूँ
ध्वंस चाहती हूँ इस सभ्यता का
एक नर्इ सभ्यता का उदय चाहती हूँ
जहाँ पेट भर अन्न मिले
तन ढकने को वस्त्र
हाथ पैर फैला सकूँ
जमीन का एक टुकड़ा चाहती हूँ
कुमुद